Menu
blogid : 4258 postid : 85

एक निवेदन उनके प्रति है-

अभ्युदय
अभ्युदय
  • 15 Posts
  • 341 Comments

index

आओ मिलकर दीप जलाएं,
अंधकार को दूर भगाएं |


जब तक फैला है बाहर गम ,
नहीं भगेगा अंतस का तम |

स्वार्थ से हम बाहर निकलें ,
देखें उन बच्चों की शक्लें |


जिनकी किस्मत अंधकारमय,
कोई न जिनके जीवन में लय |


लाचारी बनी ताज है सिर का ,
वह भी दीपक हैं किसी घर का|


जिनके सिर पर कोई न छत है ,
एक निवेदन उनके प्रति है …….|


घी का एक दिया कम कर देंगे,
तो भी अँधेरा ना भटकेगा |


वही दिया “उनके” घर आँगन,
टिमटिम जुगनू सा चमकेगा |


जब उनका घर रहे न खाली,
तभी मनेगी सही दिवाली ||


index.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply to AnonymousCancel reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh